सूचना अधिकार अधिनियम २००५ को लोकोपयोगी बनाने के लिए संशोधन की जरूरत।
रिश्वतखोरी की घटनाओं में वृद्धि के विरुद्ध किया सत्याग्रह।
जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस से राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस (28- 09- 2024 से 12- 10- 2024) तक चलने वाले ""सूचना अधिकार जन जागरण पखवाड़ा"" के प्रथम दिन सूचना/सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा दस सुत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को प्रेषित किया गया तथा नागरिकों में पत्रक वितरित किए। साथ ही रिश्वतखोरी की घटनाओं में वृद्धि के विरुद्ध सत्याग्रह किया गया।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के संस्थापक अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस से राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस तक पन्द्रह दिन तक आर टी आई एक्टिविस्ट जन जागरण अभियान चलाएंगे, नागरिकों को सूचना कानून के प्रयोग के तरीके और फायदे बताएंगे।
सभी सूचना कार्यकर्ता चिन्हित पन्द्रह विभागों से प्रतिदिन एक सूचना मांगेगे। आज प्रथम दिवस सूचना अधिकार अधिनियम 2005 को व्यवहारिक व लोकोपयोगी बनाए जाने हेतु संशोधन की मांग को लेकर दस सूत्रीय मांग पत्र राष्ट्रपति को प्रेषित किया है।
सभी सूचना कार्यकर्ता मुख्य सूचना आयुक्त भारत एवम राज्य सूचना आयोग को मांग पत्र प्रेषित कर जन सूचना अधिकारियो व प्रथम अपीलीय अधिकारियो की कार्य प्रणाली के विरुद्ध एवम आयोग की कार्य प्रणाली में सुधार की मांग करेगे।
केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल ने कहा कि मांग पत्र में प्रमुख रूप से तत्काल सुचनाएं दिए जाने, सूचना प्रदान न करने वाले जन सूचना अधिकारियो के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराए जाने, सूचना कार्यकर्ताओ की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने, अनहोनी पर एक करोड़ रूपए मुआवजा तथा नौकरी दिए जाने, प्रथम अपील राज्य आयोग और द्वितीय अपील केंद्रीय/ राष्ट्रीय सूचना आयोग में किए जाने, मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर उच्चतम/ उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति करने, जुर्माने की राशि आवेदक को दिलवाए जाने, सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा किए जाने की की मांग उठाई गई है। मांग पत्र पर कार्यवाही होने से सूचना कानून और मजबूत हो सकेगा।
प्रदेश समन्वयक सतेंद्र सिंह गहलौत ने कहा कि रिश्वतखोरी की घटनाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है, जिम्मेदारों द्वारा रिश्वतखोरी रोके जाने हेतु कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। आर टी आई एक्ट, जनहित गारंटी कानून को निष्प्रभावी किए जाने एवम सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्तियां सार्वजनिक न होने के कारण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। नागरिकों को रिश्वत देने को विवश किया जाता है। रिश्वतखोरी की घटनाओं की समीक्षा के लिए अफसरों की बैठक नही बुलाई जाती है।
जिला समन्वयक आर्येंद्र पाल सिंह ने कहा कि सभी सूचना कार्यकर्ता पंद्रह विभाग चिन्हित करके पंद्रह दिन तक प्रतिदिन एक सूचना मांगेगे तथा गांवों में जन जागरण अभियान चलाकर सूचना कानून से ग्राम वासियों को परिचित कराएंगे।
इस अवसर पर मार्गदर्शक धनपाल सिंह , एमएल गुप्ता, संरक्षक प्यारेलाल, सुरेश पाल सिंह, डॉ० शैलेन्द्र कुमार सिंह, केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, प्रदेश समन्वयक सत्येन्द्र सिंह गहलोत, जिला समन्वयक आर्येंद्रपाल सिंह, सह जिला समन्वयक महेश चन्द्र, तहसील समन्वयक बिसौली विपिन कुमार सिंह ऐडवोकेट, तहसील समन्वयक बदायूं रामलखन एडवोकेट, प्रमोद कुमार, कृष्णपाल, भुवनेश कुमार, रामपाल सिंह, नेत्रपाल, नारद सिंह, रमेश चंद्र, यशपाल सिंह एडवोकेट, विवेक यादव, टीकम सिंह आदि की सहभागिता रही।
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