भ्रष्ट तत्वों को सद्बुद्धि के लिए किया मौन सत्याग्रह।

राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष किया राष्ट्र राग "" रघुपति राघव राजाराम......."" का कीर्तन।

विकसित भारत के निर्माण में सूचना/ सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण।

भारतीय संविधान से अस्थाई और अनुपयोगी प्रावधानों को हटाने की जरूरत।

जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर गांधी उद्यान बदायूं स्थित राष्ट्र पिता की प्रतिमा के समक्ष प्रमुख पदाधिकारीगण अध्यक्ष/संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट के नेतृत्व में एकत्र हुए। सर्वप्रथम गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया तत्पश्चात राष्ट्र राग ""रघुपति राघव राजाराम....."" का कीर्तन किया गया। 
भ्रष्ट तत्वों को सद्बुद्धि के लिए किया मौन सत्याग्रह।

उपस्थितजनो ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया। तदांतर ध्येय गीत - " जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो ........" का सामूहिक गायन डॉ एस के सिंह ने कराया। साथ ही संगठन की वार्षिक कार्य योजना तैयार की गई तथा सांगठनिक इकाइयों का पुनर्गठन किया गया। भ्रष्ट तत्वों को सद्बुद्धि के लिए दो घंटे का मौन व्रत रखा गया। जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से राज्यपाल को पांच सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया जाना था किंतु किसी अधिकारी के मांगपत्र लेने न आने पर एक्स, ईमेल व डाक के माध्यम से प्रेषित किया गया।

इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/ संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर वर्ष 2011 मे संगठन की स्थापना हुई। उनके मंत्र "रघुपति राघव राजाराम" के निरन्तर जप से देश में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं।  महात्मा गांधी ने हर समाजोपयोगी विषय पर अपने विचार दिए हैं। उन्होंने दुनिया को सत्य अहिंसा रूपी ऐसा अस्त्र दिया है, जिसका अनुसरण सम्पूर्ण विश्व कर रहा है। गांधी जी के विचारों में समस्त समस्याओं का समाधान है। संगठन की ओर से वर्ष २०११ से अब तक उठाए गए अनेक लोकोपयोगी विषयों पर भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा कार्य किए गए हैं।

श्री राठोड़ ने कहा कि वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र में नागरिकों की प्रधानता के दृष्टिगत स्वयं को प्रधान सेवक बताए जाने के साथ ही वी आई पी संस्कृति को समाप्त किए जाने की घोषणा की थी। वीं आई पी संस्कृति के समापन के नाम पर लाल बत्ती तो हटा दी गई किंतु शेष सब यथावत है। जनप्रतिनिधियों और नौकरशाही के मन मस्तिष्क में सेवक का अंश मात्र भी भाव नहीं है। वे लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी स्वयं को राजा मानते हैं और नागरिकों के साथ राजा की तरह ही व्यवहार करते हैं।
भारतीय संविधान से अस्थाई और अनुपयोगी प्रावधानों को हटाने की जरूरत।

केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल ने कहा कि संगठन द्वारा आज वार्षिक कार्य योजना तैयार की गई है। सूचना/सामाजिक कार्यकर्ता वर्ष भर सूचना के अधिकार के प्रयोग से जनहित गारंटी कानून और पंचायत राज व्यवस्था को मजबूत करने का कार्य करेंगे। इसके साथ ही चुनाव सुधार, न्याय सुधार एवम भारतीय संविधान के अस्थाई एवम अनुपयोगी प्रावधानों की समाप्ति के लिए जन जागरण अभियान चलाएंगे।

प्रदेश समन्वयक सतेंद्र सिंह गहलौत ने कहा कि संगठन द्वारा वर्ष 2011 से निरन्तर चलाई जा रही मुहिम का ही परिणाम है कि नागरिक रिश्वतखोरों को पकड़वाने लगे हैं। वर्ष 2024 में बड़ी संख्या में रिश्वतखोरों की दीवाली जेल में हुई, इसी माह अनेक रिश्वतखोर पकड़े गए हैं। भ्रष्टाचार निवारण संगठन को राजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही का भी अधिकार मिलना चाहिए।

इस अवसर पर प्रमुख रुप से मार्गदर्शक धनपाल सिंह, संरक्षक डा एस के सिंह, सुरेश पाल सिंह चौहान , केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, मण्डल समन्वयक एमएच कादरी, सह जिला समन्वयक महेश चन्द्र, तहसील समन्वयक विपिन कुमार सिंह एडवोकेट,सह तहसील समन्वयक नेत्रपाल, ज्ञानदीप शर्मा, ज्योति शर्मा, कौशल कुमार एडवोकेट आदि सूचना कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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