मेंथा ऑयल उद्योग में कार्यरत कार्मिकों की सूची हो सार्वजनिक।
भागीरथ घाट कछला में श्रद्धालुओं के डूबने की घटनाओं में वृद्धि चिन्ता जनक।
जनहित गारंटी कानून और सूचना के अधिकार के निष्प्रभावी होने से बढ़ रही है घूसखोरी की घटनाएं।
जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में संस्थापक/अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल उझानी मेंथा ऑयल उद्योग अग्निकांड की न्यायिक जांच कराए जाने, भागीरथ घाट कछला में श्रद्धालुओं के डूबने की घटनाओं में वृद्धि तथा घूसखोरी रोके जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी बदायूं से मिला तथा मांगपत्र सौंपे।
जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/ संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट ने कहा कि उझानी मेंथा ऑयल उद्योग अग्निकांड में अग्निशमन विभाग की भूमिका संदिग्ध है, उद्योग में कार्यरत कार्मिकों की सूची पूर्ण विवरण सहित सार्वजनिक न किया जाना संदेह उत्पन्न करता है, अग्निकांड की न्यायिक जांच कराई जावे, मंडल आयुक्त द्वारा गठित जांच दल से मुख्य अग्निशमन अधिकारी बदायूं को हटाया जावे।
श्री राठौड़ ने कहा कि जनपद में रिश्वतख़ोरी, मिलावटखोरी, डग्गामारी और कमीशनखोरी में निरंतर वृद्धि हो रही है। लोकोपयोगी कानूनों जनहित गारंटी कानून और सूचना का अधिकार अधिनियम को निष्प्रभावी कर दिया गया है परिणाम स्वरूप घूसखोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिन कार्यालयों में घूसखोर पकड़े गए हैं, उन कार्यालयों की सतत निगरानी के साथ ही विभागाध्यक्षों की भूमिका की जांच कराई जाना आवश्यक है। समस्त कार्मिकों की चल अचल संपतियों का विवरण सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा ४ के अंतर्गत सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संरक्षक धनपाल सिंह, मार्गदर्शक एम एल गुप्ता , प्यारे लाल, सुरेश पाल सिंह चौहान, हरिनंदन सिंह, केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, प्रदेश समन्वयक सत्येन्द्र सिंह गहलोत, मण्डल समन्वयक एमएच कादरी, सह जिला समन्वयक राम लखन, तहसील समन्वयक बिसौली विपिन कुमार सिंह अधिवक्ता, सह तहसील समन्वयक मोहम्मद इब्राहिम, नेत्रपाल, समीरउद्दीन एडवोकेट,धर्मपाल सिंह, यतिष्का शर्मा आदि की सहभागिता रही।
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