बदायूं : जल है तो कल है, बड़ा ही सुन्दर शब्द है ये शब्द भले ही दो हैं पर इसमें जीवन का सार छुपा हुआ है, बिना पानी के कोई भी मनुष्य जीवित नहीं रह सकता है हम सबके जीवन में पानी की भूमिका महत्वपूर्ण है फिर भी लोग इस पानी को वरीयता नहीं दे रहे हैं हम देख रहे हैं कि पानी का दोहन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है जिन घरों में हमने पानी का दोहन अधिक से अधिक संख्या होते देखा है उन परिवारों में कोई भी सदस्य न समझ भी नहीं है और कमजोर भी नहीं है, जो परिवार पानी का दोहन कर रहे हैं उन परिवारों में ग्रेजुएशन स्तर की शिक्षाएं हैं, ऐसे परिवार ही पानी के दोहन में लगे हैं तो अशिक्षित परिवार को रोकपाना मुश्किल हो सकता है।
पानी का दोहन करने वाले लोग समाज विरोधी होते हैं ऐसे लोग अपने को बुद्धिमान समझते हैं और उनकी सोच रहती है कि पानी का संकट हमें नहीं है हम और गहरा समरसेबिल को करा लेंगे और इसी सोच में भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं, हमने देखा है कि 20 से 30 सालों की बीच में लगभग 25 फुट वाटर लेवल घटा है ये आंकड़ा हमारे सहसवान क्षेत्र का है।
जल है तो कल है, का नारा देने वाला "जल जीवन मिशन" भी पानी के दोहन में पीछे नहीं है जल जीवन मिशन के द्वारा हर घर नल योजना में टंकी को लगाया गया है जिसमें हमने देखा कि टंकी का कनेक्शन किए लगभग 6 से 8 माह बीत चुके हैं और उन टंकियों में टौंटी को नहीं लगाया गया है कनेक्शन पाइप खुला होने से पानी निरन्तर बह रहा है और बर्बाद हो रहा है जल जीवन मिशन को कई बार अवगत कराया लिखित में दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, ऐसी स्थिति में जल है तो कल का नारा सार्थक नहीं होने वाला।
हम इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी सम्मानित देश के नागरिकों से हाथ जोड़ कर निवेदन कर रहे हैं कि आप औरों के लिए नहीं अपने बच्चों के भविष्य लिए अपने पौत्र पौत्रियों के भविष्य के लिए जीव जन्तु के भविष्य के लिए पानी को बचाएं स्वयं बचाएं दूसरों को भी बताएं अपनी मानवता की पहचान जागरूकता में दिखाएं क्योंकि जल है तो कल है, ये ही मुश्किल का हल है।
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