अनिवार्य और निःशुल्क बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम और अनुच्छेद २१ क का पालन कराए जाने की मांग।
संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार का उल्लंघन है विद्यालयों को बंद समायोजित करने का निर्णय।
सामाजिक सूचना कार्यकर्ताओं ने सौंपा छह सूत्रीय मांग पत्र।
जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार संगठन के मुख्यालय पर एकत्र हुए तथा अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट के नेतृत्व में जिलाधिकारी बदायूं के कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे और भारतीय संविधान के अनुच्छेद २१ क एवं निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम को प्रभावी बनाने की मांग को लेकर छ सूत्रीय मांग पत्र देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री और राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से प्रेषित किया।
इस अवसर पर जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट ने कहा कि देश के चौदह वर्ष तक के बच्चों को आठवीं कक्षा तक की निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने की राज्य की जिम्मेदारी है। छह वर्ष से चौदह वर्ष तक के बच्चों का मौलिक अधिकार है कि उन्हें कक्षा आठ तक की निशुल्क शिक्षा प्राप्त हो। इसके लिए सरकार बच्चों के निवास के निकट ही शिक्षा की व्यवस्था करने को बाध्य है, परन्तु सरकारी विद्यालयों में कक्षा वार और विषयवार शिक्षकों का अभाव होने के कारण बच्चे निजी विद्यालयों की ओर आकर्षित होते हैं। मानक का उल्लंघन कर्ज मान्यताएं देकर सरकारी विद्यालयों को दुर्बल किया गया। दोष पूर्ण नीतियो के कारण सरकारी विद्यालयों का आकर्षण कम हुआ है। विडंबना देखिए उर्दू प्रशिक्षित शिक्षक उन विद्यालयों में कार्यरत हैं जिन विद्यालयों में उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थी ही नहीं हैं।
श्री राठौड़ ने कहा कि बड़ी संख्या में चौदह वर्ष तक के बच्चे निजी विद्यालयों में शुल्क देकर निजी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं। सरकार द्वारा विद्यालय बंद करने तथा शिक्षकों के पद समाप्त करने की नीति संवैधानिक व्यवस्था के उल्लंघन के साथ ही विकसित भारत के निर्माण में बड़ी बाधा है। शिक्षा और शिक्षक के बिना कोई भी राष्ट्र विकसित नहीं हो सकता है। आवश्यकता इस बात की है कि सरकार आठवीं तक ही नहीं बल्कि स्नातक स्तर तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान करे।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से मार्गदर्शक एम एल गुप्ता, संरक्षक सुरेश पाल सिंह चौहान, प्यारेलाल, एच एन सिंह, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, मण्डल समन्वयक एम एच कादरी, सह जिला समन्वयक राम लखन, विपिन कुमार सिंह एडवोकेट, समीरुद्दीन एडवोकेट, तहसील समन्वयक बदायूं कृष्ण गोपाल, सह तहसील समन्वयक नेत्रपाल, मो इब्राहिम , दुष्यंत कुमार सिंह, कौशल कुमार एडवोकेट आदि की सहभागिता रही।






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