गांव का वरिष्ठ पत्रकार, पत्रकारिता की आड़ में सरकारी सम्पत्ति पर वर्षों से कब्जा जमाए हुए बैठा।
अपराध निरोधक कमेटी का भी सदस्य बताता है अवैध कब्जाकर्ता
पत्रकार का कई ग्राम प्रधानों से आर्थिक लेनदेन के लिए हुआ है विवाद।
महिला स्वास्थ्यकर्मी ए.एन.एम. का वर्षों से कर रहा मानसिक उत्पीड़न।
बदायूं - पत्रकार एक ऐसा शब्द है जो हर वक्त जन सेवा में समर्पित रहता है इसीलिए इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकारी सम्पत्ति पर अवैध कब्जा करने वाले लोग कोई और नहीं वरिष्ठ पत्रकार, हैं जो खुद को अपराध निरोधक कमेटी का पदाधिकारी भी बताते हैं जब ये ही अपराध करेंगे तो आम जनता में क्या ये सुधार ला पायेंगे इनका कई वर्षों से खाद के गढ्ढों तथा इंडिया मार्का हैंडपंपों पर अवैध तरीके से कब्जा था आरोप ये भी है कि जो व्यक्ति उनके कब्जे की शिकायत प्रशासन से करता है तो उसके खिलाफ कब्जा करने वाले लोग झूठे निराधार धन ऐंठने जैसे गंभीर आरोप शिकायत करने वालों पर लगाना व sc st act में फसाने का प्रयास करते हैं।
पूरा मामला जनपद बदायूं के विकास खण्ड सहसवान क्षेत्र अंतर्गत एक गांव का है।
बात सोचने वाली है कि वरिष्ठ पत्रकार व कानून का जानकार व्यक्ति से कोई भला धन कैसे ऐंठ सकता है।
सचिव व लेखपाल की जांच आख्या अनुसार पंचायत सचिव और हल्का लेखपाल ने खाद के गढ्ढों से कब्जा को हटवाते हुए इंडिया मार्का हैंडपंपों को भी कब्जा मुक्त करा दिया है।
अब बात ये है कि ऐसे ही कुछ पत्रकार भाई पत्रकारिता को गंदा कर खुद पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं ऐसे पत्रकारों को अपने रवैया को बदलते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूत बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए।




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