'एक प्यार का नगमा है...' लिखने वाले महान गीतकार संतोष आनंद जी का जन्म 5 मार्च 1940 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के सिकंद्राबाद में हुआ था। संतोष आनंद जी बीते साल खूब चर्चा में रहे, जब वह इंडियन आइडल के मंच पर पहुंचे।
मंचों के कवि संतोष आनंद जी की कलम ने जब हिंदी सिनेमा के लिए लिखना शुरू किया था तो पहला गाना निकला 'पुरवा सुहानी आई रे....'! 1970 में आई मनोज कुमार, सायरा बानो और अशोक कुमार की फिल्म पूरब और पश्चिम का यह गाना हमेशा हमेशा के लिए फैंस की जुबां पर स्थापित हो गया। इसके बाद उनकी कलम ने वो गाना लिखा जिसे सॉन्ग ऑफ मिलेनियम कहा गया। 1972 में आई मनोज कुमार, जया बच्चन और प्रेम नाथ की फिल्म शोर का गाना 'एक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है, जिंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है।
लेकिन क्या आपको पता है कि संतोष आनंद जी ने ये मशहूर गीत 'इक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है...' किसके लिए लिखी थी। साल 2019 में पटना के एक कवि सम्मेलन में संतोष आनंद जी ने इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने इस सदाबहार गाने को किस खास इंसान के लिए लिखा था। संतोष आनंद जी ने बताया था कि ये गाना उन्होंने अपनी प्रेमिका के लिए लिखा था।
गीतकार संतोष आनंद जी ने हिंदी सिनेमा को कई सुपरहिट गीत दिए हैं। साल 1974 में फिल्म रोटी, कपड़ा और मकान के लिए भी उन्होंने कई गीत लिखे थे। इस फिल्म के फेमस गीत 'मैं ना भूलूंगा' के लिए उनको अपने करियर का पहला फिल्म फेयर अवार्ड मिला था। इसके बाद साल 1981 में संतोष आनंद जी ने मशहूर फिल्म 'क्रांति' के गीत लिखे थे जो कि उस वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। संतोष आनंद जी ने अपने करियर में 100 से ज्यादा गाने लिखे हैं।
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