दुःखी गिलहरी की एक सच्ची कहानी

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रचना... एक गिलहरी 

सच्ची घटना पर आधारित 

एक दुखिया की सुनो कहानी
वह थी अभागिन गिलहरी रानी
जिसने जन्मे थे बच्चे चार।
नहीं मिल पाया बच्चों को मां का प्यार।।
 ऐसी थी उसकी दुःख भरी कहानी 
.......... वह थी अभागिन गिलहरी रानी।।

हंसी खुशी से रहे थे दिन वो चार 
तभी वहां पहुंचा लकड़ी व्यापारी 
चला दी उसने पेड़ पर आरी। 
पेड़ को ले आया व्यापारी जिसमे में थे बच्चे चार।
...... नहीं मिल पाया बच्चों को मां का प्यार।

बच्चे करने लगे चीख पुकार 
वहां पहुंचा गया जानवर खूंखार।
उसने तीन बच्चों को बनाया आहार 
......... नहीं मिल पाया बच्चों को मां का प्यार।।
Rachana poem kavita


अब बच्चे को कोई न सूझा रस्ता, अब तो राम करेंगे रक्षा।
जिसका जीवन शेष था धरती पर 
काल ने कृपा कर दी एक बच्चे पर 
फिर बच्चे ने राम नाम की करी पुकार।
फिर वहां मानव पहुंच गए दो चार।
उन मनुष्यों ने फिर एक दयालु को बुलवाया।
उसको घटना से परिचित करवाया।
दयालु बच्चा को लेकर आया अपने परिवार
जहां बच्चे को मिला भरपूर पोषण आहार।।
बच्चे को मिला नया मानव परिवार 
जो करता था अपने बच्चों जैसा प्यार।।


यह थी दुःखी गिलहरी की एक सच्ची कहानी।
जो सुनी आपने गहलोत की जुवानी।।

लेखक/शब्दकार 
सत्येन्द्र सिंह गहलोत 





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